सरकार भले ही देश को भ्रष्टाचार मुक्त करनें के साथ ही सुदूर ग्रामीण ईलाको तक आमजन को हर बेहतर सुविधा उपलब्ध करानें के लिये संभव प्रयास कर रही हों , आम जरुरतों के लिये दर्जनों योजनाओं का क्रियान्वन कर रखी हो। लेकिन कुछ अधिकारियों की लापरवाही की चलते ऐसे भ्रष्टाचार सामनें आते हैं जिसे देखकर पीएम मोदी से लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान का स्वर्णिम देश व प्रदेश बनानें का सपना साकार होता नहीं दिख रहा। सरकार शहरी विकास से लेकर दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों तक सडक,पानी,बिजली पहुंचा रही है , लेकिन कुछ ऐसे भी स्थान है जहां यह विकास कार्य आमजन के लिये नहीं बल्कि कुछ विशेष व्यक्तियों के लिये मोटी कमाई का जरिया है।
बुढार जनपद अन्तर्गत कोटा पंचायत में वर्षों से पदस्थ नटवर लाल सचिव रामचरण ने पंचायत के पैसों से जमकर होली खेली है जिसे ना तो जनपद न ही जिले के जिम्मेदारों को दिखाई दिया है ऐसा लगता है कि कोटा सचिव भ्रष्टाचार में डिग्री ले रखी हो ।
भ्रष्टाचार से कमाई दौलत , बना ठेकेदार
कोटा पंचायत में वर्षों से पदस्थ सचिव भ्रष्टाचार कर खूब कमाया और कई वाहनों का मालिक बन बैठा है अब क्षेत्र का जाना माना ठेकेदार बन गया है जो आस पास के औरो पंचायत में माल सप्लाई करने का काम करता है
कागज़ों में नीतीश ट्रेडर्स
इसके कमाई का अहम भूमिका निभाने का काम नीतीश ट्रेडर्स जो कि इसके ही पारिवारिक फर्जी फर्म हैं जो सिर्फ कागज़ों , बिलो तक ही सीमित है धरातल पर जिसका कही पता नहीं है।
बस अपने खानिहाल कहे या वाहनों के खड़े करने की जगह वाले खंडहर के दरवाजे पे लिखा स्लोगन ही दिखता है वहीं दूसरी तरफ अपने कोटा पंचायत से नीतीश ट्रेडर्स के नाम से लाखों का फर्जी भुगतान कर
अपनी जेबें भर रहा है। अगर इसके फर्जी फर्म का भौतिक सत्यापन कराया गया तो दूध का दूध पानी का पानी हो ही जाएगा।
जनपद , अधिकारियों को रखता जेब में।
इस नटवर लाल के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि इसे अब अपने वरिष्ठ अधिकारियों का का कोई खौफ नहीं है जो अपने मर्जी से ही अपने पंचायत को चलाता है और कहता है जनपद मेरे जेब में है।
सही भी है जहां अधिकारी अपना ईमान इन जैसे बेईमानों को बेच दिए हो तो भला कार्यवाही, जांच की कल्पना करना बेईमानी ही होगी।
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