शहडोल। जिले के गांवों में गली गली बिक रही देशी (महुआ) शराब जिले कि आबकारी विभाग कुम्हकर्णी नींद में जो मात्र टारगेट, खाना पूर्ति तक सीमित है एक ओर पूरा देश घर में कैद है परेशान , चिंतित हैं वहीं कुछ समाज के दुश्मन शराबियो की तो मानो बल्ले बल्ले हो गई है जो इन दिनों का भरपूर आनंद ले रहे हैं सुबह से देर रात तक महफिलें गुलजार हो रही हैं जिसे ना तो कोई रोकने वाला है नहीं न ही शराब माफियाओं को किसी का भय उन्हें पता है कि पुलिस तो कोरोना के कारण सुरक्षा व्यवस्था में व्यस्त है और रही आबकारी की बात तो वो महज खाना पूर्ति तक ही सीमित रहती है और कुम्हकरण की भांति साल छह महीने में जागती है वो भी जहां पहले कार्यवाही हो चुकी होगी उसकी लिस्ट लेकर निकलती हैं कि ज्यादा महनत नहीं करना पड़े और खानापूर्ति भी हो जाये इनका अमला भी अजब है टीम किस ओर जा रही हैं उससे पहले ही चहेते माफियाओं को पता चल जाता हैं जिसमें शहडोल जिले के शुक्ला जी को महारत हासिल है ।
जिले का शायद ही ऐसा कोई गांव होगा जहां कच्ची शराब न मिलता हो मगर आबकारी विभाग इतना बेगैरत, और असहाय नजर आता है कार्यवाही के मामले में वही विभाग का काम जहां अवैध शराब की बिक्री में लगाम कसने का है मगर इसके उलट ये शराब ठेकेदारों के इशारों में नाचते है बल्कि एक सफेद कलर की बोलेरो मे विभाग का कर्मचारी व ठेकेदार के कारिंदो के साथ वकायदा गांव गांव जा के अवैध शराब पहुंचाई जाती है। आबकारी विभाग सिर्फ वसूली करने तक सीमित है शहडोल से लगे छत वई , बरुका सहित गोहपारू जयसिंहनगर, बुढ़ार , जैतपुर क्षेत्रों में बेखौफ, धड़ल्ले से अवैध शराब आबकारी विभाग के सरंक्षण में चल रहा है और उस सर्किल के जिम्मेदार साप्ताहिक, मासिक नजराना ले के अपने कर्तव्यों का इतिश्री कर लेते हैं। अगर विभाग शाम को गांवों की ओर निकले तो पता चले की इन अड्डों पर जमघट लगा रहता है जिससे आसपास का माहौल अतांकित व विवादित स्थिति बनी रहती है । सलाम है इस विभाग को।। 🙏
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